क्या कोई व्यक्ति स्वप्न में भी यह सोच सकता है कि अंग्रेजी भविष्य में किसी भी दिन भारत की राष्ट्रभाषा हो सकती है? फिर राष्ट्र के पांवों में यह बेड़ी किसलिए?
– महात्मा गांधी
देश में अंग्रेजी की आवश्यकता है, किन्तु अपनी भाषा का नाश करने के लिए नहीं।
– महात्मा गांधी
great people quotes in hindi
यह हमारे साथ कितना बड़ा अन्याय है कि हम कैसे ही चरित्रवान हों, कितने ही बुद्धिमान हों, कितने ही विचारशील हो, पर अंग्रेजी भाषा का ज्ञान न होने से उनका कुछ मूल्य नहीं, हम से अधम और कौन होगा किस इस अन्याय को चुपचाप सहते हैं। नहीं, बल्कि उस पर गर्व करते हैं।
– प्रेमचन्द
देश की जनता के साथ देश के शिक्षितों के व्यवधान का एक प्रमुख कारण विदेशी भाषा का माध्यम है।
– हजारी प्रसाद द्विवेदी
उपनिषदों के उद्धरण भी जब हम अंग्रेजी में उद्धृत करते हैं तो अपने ज्ञान का दिवाला प्रकट करते हैं।
– हजारी प्रसाद द्विवेदी
आध्यात्मिक भोजन के लिए भी भारत के लोग जिस दिन अंग्रेजी का मूंह देखेंगे उस दिन उनके डूब मरने के लिए चुल्लू भर पानी काफी होगा। अंग्रेजी सीखिए-सिखाइए लेकिन उसे विश्वविद्यालयों में शिक्षा का माध्यम क्यों बनाते हैं।
– रामविलास शर्मा
अंग्रेजी में कुछ सीखना एक बात है, अंग्रेजी को अपने सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यों का माध्यम बना लेना दूसरी बात है। जापानियों, चीनियों आदि ने अंग्रेजी से सीखा है लेकिन अपनी भाषाओं को अविकसित मानकर उन्होंने अंग्रेजी को राजभाषा नहीं बनाया है।
– रामविलास शर्मा
मैंने अपनी भाषा को व्याकरण की शुद्धता की दृष्टि से परिष्कृत करने और उसे बोलचाल के दुष्ट प्रयोगों उच्छषृंखल मुहावरों और अनियमित समुच्चयों से मुक्त करने के लिए परिश्रम किया है।
– डाॅ जाॅनसन
अंग्रेजी विचित्र भाषा है। इसमें फैट चांस तथा स्लिम चांस समानार्थक है।
ये 1919 ईस्वी की बात है, भाईजान, जब रौलेट ऐक्ट के ख़िलाफ़ सारे पंजाब में एजीटेशन हो रहा था.
मैं अमृतसर की बात कर रहा हूँ. सर माईकल ओडवायर ने डिफ़ेन्स ऑफ़ इण्डिया रूल्ज़ के मातहत गांधी जी का दाख़िला पंजाब में बन्द कर दिया था. वो इधर आ रहे थे कि पलवाल के मुक़ाम पर उनको रोक लिया गया और गिरफ़्तार करके वापस बम्बई भेज दिया गया.
ज़िन्दगी में लक भी सिर्फ उसका साथ देता है, जिस में जीतने का जज़्बा हो.
ज़िन्दगी में लक भी सिर्फ उसका साथ देता है, जिस में जीतने का जज़्बा हो.
जहाँ तक में समझता हूँ, भाईजान, अगर अँग्रेज़ ये ग़लती न करता तो जलियाँवाला बाग़ का हादसा उस की हुक्मरानी की स्याह तारीख़ में ऐसे ख़ूनीं वर्क़ का इज़ाफ़ा कभी न करता.
ये 1919 ईस्वी की बात है, भाईजान, जब रौलेट ऐक्ट के ख़िलाफ़ सारे पंजाब में एजीटेशन हो रहा था.
मैं अमृतसर की बात कर रहा हूँ. सर माईकल ओडवायर ने डिफ़ेन्स ऑफ़ इण्डिया रूल्ज़ के मातहत गांधी जी का दाख़िला पंजाब में बन्द कर दिया था. वो इधर आ रहे थे कि पलवाल के मुक़ाम पर उनको रोक लिया गया और गिरफ़्तार करके वापस बम्बई भेज दिया गया.
जहाँ तक में समझता हूँ, भाईजान, अगर अँग्रेज़ ये ग़लती न करता तो जलियाँवाला बाग़ का हादसा उस की हुक्मरानी की स्याह तारीख़ में ऐसे ख़ूनीं वर्क़ का इज़ाफ़ा कभी न करता.
ये 1919 ईस्वी की बात है, भाईजान, जब रौलेट ऐक्ट के ख़िलाफ़ सारे पंजाब में एजीटेशन हो रहा था.
मैं अमृतसर की बात कर रहा हूँ. सर माईकल ओडवायर ने डिफ़ेन्स ऑफ़ इण्डिया रूल्ज़ के मातहत गांधी जी का दाख़िला पंजाब में बन्द कर दिया था. वो इधर आ रहे थे कि पलवाल के मुक़ाम पर उनको रोक लिया गया और गिरफ़्तार करके वापस बम्बई भेज दिया गया.
जहाँ तक में समझता हूँ, भाईजान, अगर अँग्रेज़ ये ग़लती न करता तो जलियाँवाला बाग़ का हादसा उस की हुक्मरानी की स्याह तारीख़ में ऐसे ख़ूनीं वर्क़ का इज़ाफ़ा कभी न करता.