Soul Quotes in Hindi – शरीर से इन्द्रियां श्रेष्ठ हैं. इन्द्रियों से मन श्रेष्ठ है. मन से बुद्धि श्रेष्ठ है और जो बुद्धि से भी श्रेष्ठ है वह आत्मा है. 

-वेदव्यास(महाभारत,भीष्म पर्व, अथवा गीाता)

यह सबसे उत्तम, सब सुखों का ग्रहण करने वाला व देने वाला है. इसको दर्शन करों। मरणषील शरीरों में यह अमृत ज्योति है.

-ऋग्वेद

Soul Quotes in Hindi –  आत्मा (ब्रह्म) कामना रहित, धीर, अमर, स्वयंभू, रस से तृप्ता तथा अभाव स रहित है. उस धीर, जरारहित तथा चिरयुवा आत्मा को जानने वाला मृत्यु से भयभीत नहीं होता.

-अर्थवेद

वहां (उस आत्मा तक) न तो नेत्र जाता है, न वाणी, न मन.

-केनोपनिषद्

Soul Quotes in Hindi –  मनुष्य आत्मा (ब्रह्म) से ज्ञान-षक्ति प्राप्त करता है और ज्ञान से अमृततत्त्व को.

-केनोपनिषद्

ज्ञान-स्वरूप आत्मा न तो जन्म लती है, न मरती है. यह न तो स्वयं किसी की हुई है, न इससे कोई भी हुआ है. यह अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है. शरीर का नाश होने पर इसका नाश नही किया जा सकता.

-कठोपनिषद्

सूक्ष्म से भी सूक्ष्म, महान् से भी महान् है आत्मा.

-कठोपनिषद्

वह यह आत्मा पुत्र से अधिक प्रिय है, धन से अधिक प्रिय है और अन्य सबसे भी अधिक प्रिय है, क्योंकि यह आत्मा उनकी अपेक्षा अन्तरतर है.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

Soul Quotes in Hindi –  जो आत्मारूप प्रिय की ही उपासना करता है, उसका प्रिय अत्यंत मरणषील नही होता.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

जो पुरूष आत्मा की ही उपासना करता है, उसका कर्म क्षीण नहीं होता. इस आत्मा से पुरूष जिस-जिस वस्तु की कामना करता है, उसी को प्राप्त कर लेता है.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

यह आत्मा ही दर्शनीय, श्रवणीय, मननीय, और ध्यान किए जाने के योग्य है.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

इस आत्मा के ही दर्षन, श्रवण, मनन एवं विज्ञान से इस सब का ज्ञान हो जाता है.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

Soul Quotes in Hindi –  जो यह आत्मा है, यह अमृत है, यह ब्रह्म है, यह सर्व है.

-बृहदारण्यकोपनिषद्

यह आत्मा अन्तर्यामी अमृत है. इससे भिन्न सब नाशवान हैं.

-बृहदारण्यकोपनिषद्