बाबूमोशाय , ज़िंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है.उसे न आप बदल सकते हैं न मैं.

-आनंद फिल्म में राजेश खन्ना

विद्वानों के स्थिर किए व्रत का अतिक्रमण करके कोई सौ वर्ष तक भी नही जीता.

-ऋग्वेद

हम प्रतिदिन वर्धमान रहते हुए सौ शरद्, सौ शरद्, सौ हेमन्त और सौ बसन्त तक जीतें रहें.

-ऋग्वेद

Age Quotes in Hindi- जीने की आरज़ू में मरे जा रहे हैं लोग और मरने की आरज़ू में जीए जा रहा हूं मैं.

– फिल्म का डायलॉग 

ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए लंबी नहीं बाबू मोशाय. जब तक ज़िंदा हूं, मरा नहीं. जब मर गया, तो साला मैं ही नहीं.

-आनंद फिल्म में राजेश खन्ना

मौत के पल-पल करीब आने के अनुभव को जिंदादिली से जीने का नाम है ‘आनंद’.

-आनंद फिल्म में राजेश खन्ना

Old age Quotes in Hindi- हम सौ वर्ष तक देखें, सौ वर्ष तक जीवित रहें, सौ वर्ष तक सुनें, सौ वर्ष तक अच्छी प्रकार बोले, सौ वर्ष तक पूूर्णतया अ-दीन होकर रहें और सौ वर्ष से अधिक भी.

-यजुर्वेद

इस जगत् में कर्मो को करते हुए ही सौ वर्ष तक जीने की इच्छा करनी चाहिए.

-अज्ञात

सदाचारी, श्रद्धावान् और ईष्यरिहित मनुष्य सौ वर्ष तक जीवित रहता है चाहे वह सब प्रकार के शुभ लक्षणों से हीन हो.

-मनुस्मृति

आयु अत्यन्त चंचल है. मृत्यु पूर्ण क्रूर है. युवावस्था अति चंचल है. बाल्यावस्था अज्ञान में ही नष्ट हो जाती है.

-योगवसिष्ठ

मनुष्यों की आयु के कम व अधिक होने में देशकाल क्रिया, द्रव्यषुद्धि-अषुद्धि तथा स्वकर्मो की शुद्धि-अषुद्धि ही कारण होते है.

-अज्ञात

Age Quotes in Hindi- आयु का एक क्षण भी संसार के सब रत्नों से नहीं पाई  जा सकती. उस आयु को यदि कोई व्यर्थ में खोता है, तो बड़ा भारी प्रमाद है.

-अज्ञात

आयु तो वायु से चंचल कमल-पत्र पर स्थित जलबिन्दु के समान है.

-भानुदत्त

जैसे नदियों का बहाव आगे ही जाता है, पीछे नहीं लौटता. इसी तरह रात और दिन मनुष्यों की आयु लेकर आगे ही भागते जाते हैं पीछे नहीं लौटते.

-नारायण पंडित

निःसीम काल का सौ वर्ष कितना-सा अंश है ? मनुष्य की वह परम आयु है अतः वह कैसे सो सकता है ?

-सूर्य

यह प्राप्त कर लिया, यह नष्ट हो गया, यह मनोरथ प्राप्त करूगाँ-यह सोचते हुए ही शरीरधारियों की आयु समाप्त हो गयी.

-अज्ञात

आयु पूर्ण होने पर धन्वन्तरि वैद्य भी क्या कर सकता है ?

-अज्ञात

आयु और यौवन प्रतिक्षण बीता जा रहा है.

-आचारांग

Age Quotes in Hindi- जिस तरह भरी हुई नदी चली ही जाती है, रूकती नहीं है, उसी प्रकार मनुष्यों की आयु चले ही जाती है, रूकती नहीं है.

-जातक

तन, दीपशिखा और नदी का प्रवाह जब देखो तब वैसा का वैसा ही दिखाई देता है. किन्तु बहना नित्य चलता रहता है, उसी प्रकार आयु निरन्तर बढ़ती जाती है.

-दयाराम

साठ वर्ष की आयु में लोगों में और भी अधिक शक्ति आ जाती है.

-हिंदी लोकोक्ति

आयु केवल चार दिन की है.

-तुकाराम

ईर्ष्या और क्रोध जीवन को छोटा कर देते है.

-एपोकिफा

बीस वर्ष की अवस्था में संकल्प शासन करता है. तीस वर्ष की अवस्था में वृद्धि, चालीस पर निर्णयात्मकता, और बाद में चरित्र का अंश.

-हेनरी ग्रैटन