अपने स्वरूप के अनुसन्धान को ही ‘भक्ति’ कहते हैं.
-शंकराचार्य
ईश्वर प्रेम की मदिरा से मेरे शरीर तथा प्राणों को ईश्वर प्राप्त होते है. उसके पीने से मरे छिपे हुए रहस्य प्रकट हो जाते है. उनके पी लेने पर मुझे न इस लोक की आवश्यकता रहती है, न पर लोक की. इस मदिरा का एक प्यासा दोनों लोकों के लिए पर्याप्त है.
-उमर खैयाम
जिसका साथी ईश्वर है उसको दुःख क्या, फिक्र क्या, दूसरा साथी क्या ?
-महात्मा गांधी
God Love quotes in Hindi-आप ईश्वर और धन दोनों की एक साथ पूजा नहीं कर सकते.
-माहात्मा गांधी
मै ईश्वर की पूजा सत्य रूप से ही करता हूँ.
-महात्मा गांधी
वह कैसा गुरू, कैसा पिता, कैसा पुत्र, कैसा मित्र, कैसा राजा और कैसा बन्धु है, जो श्री भगवान् में मन नहीं लगाता.
-गर्ग संहिता
God Love quotes in Hindi- देवता भक्ति से संतुष्ट होते हैं.
-भास
मुझमें न भगवान् का प्रेम है, न श्रवणादि भक्ति है, न वैष्णवों का योग है, न ज्ञान है, न शुभ कर्म है, और कितने आश्चर्य की बात है कि उत्तम गति भी नही है, फिर भी हे भगवान् ! हीन अर्थ को भी उत्तम बना देने वाले आपके विषय में आवद्धमूला मेरी आशा ही प्रयत्नशीन बनाए रहती है.
-चैतन्य महाप्रभु
ईश्वर-प्रेमी सदैव ईश्वर की धुन में मस्त व पागल रहता हे. दीवाना व पागल सदैव निश्चित रहता है. होश में रहने पर हर वस्तु का खेद उसे होगा ओर जब ईश्वर-प्रेम में मस्त हो गया तो जो हो गया वह हो गया, उसे क्या चिन्ता ?
-उमर खैयाम
ईश्वर-प्रेम से रहित मनुष्य कुछ भी नहीं कर सकता है. मनुष्य-जीवन का उद्देश्य ईश्वर-प्रेम को प्राप्त करना है.
-उमर खैयाम
जिस हृदय के अंदर ईश्वर के प्रेम की लगन लग गयी, वह चाहे मस्जिद में रहने वाला हो और, चाहे मूर्ति-उपासना-गृह का, जिसका नाम ईश्वर के प्रेमियों में लिख गया, वह नरक से भी मुक्त हो गया और स्वर्ग से भी निश्चित हो गया.
-उमर खैयाम
God Love quotes in Hindi- मुक्ति सेवा रहित होती है ओर भक्ति सेवा—भाव का उत्कर्ष करने वाली होती है.
-देवीभागवतपुराण
भगवान् की परम भक्ति मनुष्यों के लिए कामधेनु के समान मानी गई है, उसके रहते हुए भी अज्ञानी मनुष्य संसार रूपी विश का पान करते हैं, यह कितन आश्चर्य की बात है.
-नारदपुराण
संसार में भगद्भक्ति से युक्त मन वाले लोग दुलर्भ हैं. उनका संग जिसे प्राप्त होता है, उसे शाश्वत शान्ति प्राप्त होती है.
-नारदपुराण
जब तक भोग और मोक्ष की वासना रूपिणी पिशाची हृदय में बसती हैं, तब तक उसमें भक्ति-रस का अविर्भाव कैसे हो सकता है.
-रूपगास्वामी
भय का हेतु क्या है ? पूर्व जन्मों में किए हुए शुभाशुभ कर्म. परम आश्रय कौन है ? भगवान् श्री हरि का भक्त. मांगने योग्य वस्तु क्या है ? श्री हरि की भक्ति. सुख क्या है ? उन्हीं श्री हरि की भक्ति का परम प्रेम.
-जीव गोस्वामी
जिन्होंने प्रभु को आत्मनिवेदन कर दिया है, उन्हें कभी किसी प्रकार की चिन्ता नहीं करनी चाहिए. पुष्टि करने वाले प्रभु अंगीकृत जीव की लौकिक गति नहीं करेंगे.
-वल्लभाचार्य
God Love quotes in Hindi- यदि भगवान् विष्णु के चरणों का कीर्तन नही किया तो वेदों का अध्ययन, शास्त्र-ज्ञान और पुराणों का श्रवण उसी प्रकार व्यर्थ है, जिस प्रकार मिट्टी को खोदने, समतल करने और जल से सींचने के बाद भी उस क्यारी में बीज न डाला जाए.
-भानुदत्त
भक्ति-लता संतो की कृपा से ही उत्पन्न होती है. दीनता एवं दूसरों को मान देने की वृत्ति आदि शिलाओं की बाढ़ द्वारा उस लता को संतापराध रूपी हाथी से बचाकर, श्रवण-कीर्तन आदि जल से सींचते और बढ़ाते रहना चाहिए.
-विश्वनाथ चक्रवर्ती
हे जगत्पति मुझे न धन की कामना है, न जन की, न सुन्दर की ओर न कविता की . हे प्रभु मेरी कामना तो यह है कि जन्म-जन्म में आपकी अहैतुकी भाक्ति करता रहूं.
-चैतन्यमहाप्रभु
तेल की धारा के समान अविच्छिन्न प्रीति ही भक्ति कही गयी है.
-श्री रमणगीता
ईश्वर भक्ति न छोड़ो, स्वाभाविक ही जो होना है, वह हो जाए.
-गुरूनानक
जब अन्त निकट आता है, तब सभी मन्त्र निशफल हो जाते हैं, इसीलिए मन लगाकर उन कृपामय प्रभु का भजन करो.
-गुरू गोविंद सिंह
जो ईश्वर भक्ति रस के रसिक नहीं हैं, वे मूर्ख मनुष्य व्यर्थ ही संसार में जीते हैं.
-तुलसीदास
हृदय में निर्गुण ब्रह्म का ध्यान, नेत्रों के सामने सगुण रूप की सुन्दर झाँकी और जीभ से सुन्दर राम नाम का जप करना. यह ऐसा है मानो सोने की सुन्दर डिबिया में मनोहर रत्न सुशोभित हो.
-तुलसीदास
God Love quotes in Hindi- वासनाओं में लिपटे हुए लोग इस योग्य नहीं कि हम उनके सामने भक्ति से सर झुकाएँ, वैराग्य और परमात्मा से दिल लगाना ही वे महान् गुण है जिनकी ड्योढ़ी पर बड़े-बड़े वैभवशाली और प्रतापी लोगों के सिर भी झुक जाते हैं.
-प्रेमचन्द
शुद्ध भक्ति का प्रायः लोप हो गया है क्योंकि भक्तों भक्ति को सस्ता बना दिया है. भगवान् तो कहता है कि भक्त वही बन सकता है जो सुधन्वा की तरह उबलते हुए तेल में कूद पड़े और हँसे अथवा जो प्रह्नाद की तरह प्रसन्न बदन जलते हुए स्तम्भ को भेंट करे जैसे परम मित्र की.
-महात्मा गांधी
जो लोग कृष्ण-कृष्ण कहते हैं वह उसके पुजारी नहीं हैं. जैसे रोटी-रोटी करने से पेट नही भरता, रोटी खाने से भरता है.
-महात्मा गांधी
भक्ति का अर्थ है भावपूर्वक अनुकरण.
-महात्मा गांधी
नियमित्त कुछ भी हो, तुम भक्ति-मन्दिर में जाओ तो. पहले यदि कामना लेकर भी आओगे, तो भी आगे चलकर निश्काम हो जाओगे.
-विनोबा
श्रद्धा और प्रेम के योग का नाम भक्ति है.
-रामचन्द्र शुक्ल
धर्म की रसात्मक अनुभूति का नाम भक्ति है.
-रामचन्द्र शुक्ल
जो भक्ति-मार्ग श्रद्धा के अवयव को छोड़कर केवल प्रेम को ही लेकर चलेगा, धर्म से उसका लगाव न रह जायगा. वह एक प्रकार से अधूरा रहेगा.
-रामचन्द्र शुक्ल
भक्ति-मार्ग का सिद्धान्त है भगवान् को बाहर जगत् में देखना. ‘मन के भीतर देखना’ यह योग-मार्ग का सिद्धान्त है, भक्ति-मार्ग का नहीं.
-रामचन्द्र शुक्ल
भक्ति में बड़ी भारी शर्त है निष्काम की . भक्ति के बदले में उत्तम गति मिलेगी, इस भावना को लेकर भक्ति हो ही नहीं सकती. भक्ति के लिए भक्ति का आनन्द ही उसका फल है.
-रामचन्द शुक्ल
God Love quotes in Hindi- जहाँ ‘विभक्ति’ है वहां ‘भक्ति’ नहीं है. आत्मसमर्पण और किसी भी परिस्थिति में अडिग निष्ठा ‘भक्ति’ है.
-माधव स० गोलवलकर
भक्ति एक प्रकार का आवेश है, उन्माद है, पागलपन है.
-भोलानाथ शर्मा
तू बार-बार प्रभु के सामने अपनी अभिलाषा निवेदित न कर. उन अन्तर्यामी को तेरा हाल कहे बिना ही ज्ञात है.
-गालिब
हृदय के अन्दर वर्तमान चाहे किसी भी अवस्था में मै होऊँ, तू मेरे हृदय के अन्दर वर्तमान रहता है. मेरे साथ कोई भी हो, पर दृष्टि के सम्मुख सदेव तेरा ही स्वरूप उपस्थित रहता है.
-जामी
जब सम्पूर्ण सांसारिक वस्तूएं दुःखदायिनी हैं तब तू केवल एक ही वसतु से लगन क्यों नही लगाता ?
-जामी
इस संसार में जो मनुष्य तुझसे हार्दिक प्रेम नहीं रखता, वह वास्तव में कुछ भी नहीं हैं. उसकी प्रार्थना व्यर्थ और बेकार है.
-हाफिज
God Love quotes in Hindi- अकेला में ही एक ऐसा दुःखी नहीं हूं जिस पर विपत्ति आ पड़ी है अपितु तेरे प्रणय में सभी हृदय के आंसू बहा रहे है.
-हाफिज
मैने संसार की सभी वस्तुओं से अपना मुख मोड़ लिया. यदि मेरे ध्यान में कोई वस्तु समाई हुई है तो वह मेरे प्रिय का मुखड़ा.
-हाफिज
हे तारा, तुमने बार-बार मुझे जो दुख दिया है और दे रही हो, वह ही तुम्हारी कृपा है.
-रामप्रसाद सेन
मै भजन-पूजन नहीं जानता, मैं फिरंगी हूं, फिर भी हे शिवे मुझ पर दया करों.
-ऐंटनी
तुम्हारी पुकार जब मेरे पास आएगी, तब उसे मै कँसे गुप्त रख सकूगाँ ? मेरे सब वाक्यों और सम्पूर्ण कार्यो से तुम्हारी पूजा प्रकट होगी.
-रवीन्द्रनाथ ठाकुर
मै अपना और सब गर्व दूर कर दूंगा, परन्तु तुम्हारे लिए मुझे जो गर्व है, उसे मै कदापि न छोड़ूगा.
-रवीन्द्रनाथ ठाकुर
मेरे प्राणों के कुंज में मानो सदा तुम्हारी ही रागिनी बज रही है.
-रवीन्द्रनाथ ठाकुर
God Love quotes in Hindi- कर्ण-मार्ग से भक्त के हृदय में हरि प्रवेश करते है.
-माधवदेव
उग्र तप, है जब तक जगत् के निज आत्मा, मोक्ष-सुख देने वाले इष्ट देव कृष्ण के चरणों में भक्ति नही ?
-माधवदेव
मेघों से ढ़के हुए सूर्य वाला दिन ‘दर्दिन’ नहीं है, उसी दिन को दुर्दिन कहो जिस दिन भगवान् की कथा का अमृतमय सुन्दर आलाप-रस सुनायी पड़ता.
-माधवदेव
वही भक्ति है, वही ज्ञान है. एक बिट्ठल को ही जान.
-ज्ञानदेव
प्रेम के बिना श्रुति, स्मृति, ज्ञान, ध्यान, पूजन, श्रवण, कीर्तन सब व्यर्थ है.
-एकनाथ
यदि कोई मनुष्य सब वर्गो में अग्रगण्य हो परन्तु भगवान् के चरणों से विमुर्ख हो तो उससे वह चांडाल श्रेष्ठ है जो भगवान् के
God Love quotes in Hindi- भजन का प्रेमी है.
-एकनाथ
भक्ति मूल है, ज्ञान उसका फल है, वैराग्य तो उसका फूल मात्र है.
-एकनांथ
जिनका चित्त वासनाओं में फँसा हुआ है, उन्हें अंतरात्मा के दर्शन कैसे हो सकते है ?
-एकनाथ
तिलक और माला धारण कर लेने मात्र से हृदय मे भक्तिभाव नहीं जाग जाता है. यदि कोई प्रेम के बिना कोरा उपदेष देता है तो
वह व्यर्थ ही भौकता है-अनुभव के बिना बोलना निरूपयोगी है.
-तुकाराम
सर्वस्व न्योछावर करने पर ही भक्ति की प्राप्ति होती है.
-तुकाराम
आयु का अंतिम दिन सुखद व्यतीत हो, इसलिए यह कठिन परिश्रम मैने किया. अब मै चिन्तारहित होकर विश्राम कर रहा हूँ तृष्णा की दौड़ समाप्त हो चुकी है.
-तुकाराम
हरि कथा तो भगवान्, भक्त और नाम का त्रिवेणी-संगम है.
-तुकाराम
भक्ति के होने से मुक्ति पाना आयान है.
-वेमना
हे साधु ! दिन-रात परमात्मा के चिंतन में ही मग्न रहो. भूख लगने पर भिक्षा माँगकर खाओ. नींद आने पर किसी घर के बाहर सोओं. अपने साथ कुछ न रखो. यही तुम्हारे लिए उचित राजसी जीवन है.
-वेमना
God Love quotes in Hindi- राम-भक्ति अपने में एक साम्राज्य के समान है.
-त्यागराज
वे ही संसार सागर से तरेंगे जो ईश्वर के श्री चरणों में स्थिर रहेगे, अन्यथा तरना असम्भव ही है.
-तिरूवल्लुवर
आध्यात्मिक अनुभूति के निर्मित किए जाने वाले मानसिक प्रयत्नों की परम्परा या क्रम ही भक्ति है, जिसका प्रारम्भ साधारण पूजा-पाठ से होता है और अन्त प्रगाढ़ एवं अनन्य प्रेम में.
-विवेकानंद
बिना त्याग के भक्ति का विचार कैसा ? यह बहुत घातक है.
-विवेकानन्द
जब ज्ञान से आलोकित तथा कर्म के द्वारा नियंत्रित और भीमशक्ति प्राप्त प्रबल स्वभाव परमात्मा के प्रति प्रेम एवं आराधना-भाव में उन्नत होता है, तब वही भक्ति टिक पाती है तथा आत्मा को परमात्मा से सतत सम्बन्ध बनाए रखती है.
-अरवन्दि
भक्ति तब तक पूर्णतः चरितार्थ नहीं होती, जब तक वह कर्म और ज्ञान नहीं बन जाती.
-अरविन्द
God Love quotes in Hindi- भगवान् का सेवक होना कुछ चीज है, भगवान् का दास होना उससे भी बड़ी चीज है.
-अरविन्द
कोई भी मनुष्य दो स्वामियों की सेवा नहीं कर सकता. तुम परमेश्वर और धनलोलुपता दोनों की सेवा नहीं कर सकते.
-नवविधान