दुष्टों की संगति आरम्भ में रमणीय, टूटने पर विरस तथा समाप्ति पर वैर-भाव से पूर्ण होती है.

-अज्ञात

दुष्ट की संगति कीति नष्ट कर देती है.

-मुरारि

Bad company Quotes in Hindi- एक मछली सारे तालाब को गन्दा करती है.

-हिंदी लोकोक्ति

कुसंगति अच्छे चरित्र को बिगाड़ देती है.

-नवविधान

गंगा के जल का प्रवाह भी समुद्र को प्राप्त कर तद्रस हो जाता है, इसीलिए विद्वान को अशुभ मन वाले व्यक्तियों का साथ नहीं करना चाहिए.

-कामन्दकीयनोतिसार

सत्य ही है कि संगति व्यसन रूपी वृक्ष की जड़ है.

-सोमदेव

जो नीच पुरूषों के संग रहते है, ज्ञानी जनों का सत्संग नहीं करते, वे कृष्णपक्ष के चन्द्रमा के समान निरन्तर हीन होते जाते हैं.

-दीघनिकाय

बुरे स्वभाव के कारण प्राप्त क्लेश को कोई नहीं मिटा सकता, जैसे काजल का कलुश नही धोया जा सकता.

-दयाराम

बुरी संगत उस कोयले के समान है,जो गर्म हो तो हाथ को जला देता है और ठंडा हो तो काला कर देता है.

-अज्ञात

Bad company Quotes in Hindi- असुरों के गृह में जाने से लक्ष्मी धषिता नहीं होती. चरित्रहीनों के बीच वास करने से सरस्वती कलंकित नहीं होती.

-हजारीप्रसाद द्विवेदी

झरनों क बीच एक स्त्रोत खो गया, चोरों के बीच एक सन्त खो गया, मूर्ख-मण्डली क बीच एक गुरू खो गया तथा कौवों के बीच एक राजहंस खो गया.

-शेख नरूद्दीन

कुसंग से बढ़कर पाप संसार में नहीं है और कुसंगी के साथ रहने के कारण बहुत दुःख झेलना पड़ता है.

-गंगाधर मेहेर

Bad company Quotes in Hindi- दुर्जनों की संगति में पड़कर धर्म को ठुकराना अच्छा नहीं है.

-एर्रना

श्रेष्ठता कुसंग से डरती है. नीचता ही उसे बन्धु मानकर उससे घनिष्ठ सम्बन्ध स्थापित कर देती है.

-तिरूवल्लुर

-कुसंगति पर कबीर के अनमोल वचन

निरमल बूँद अकास की, पड़ि गइ भोमि बिकार.मूल विनंठा माँनबी, बिन संगति भठछार..

अर्थात-आकाश से गिरने वाली वर्षा की बूदें निर्मल और उज्जवल होती है किंतु जमीन पर गिरते ही गंदी हो जाती है. मिटृी में मिलकर वह कीचड़ हो जाती है. इसी तरह आदमी भी अच्छी संगाति के अभाव से बुरा हो जाता है.

सज्जन को सज्जन मिलै, होबै दो दो बात.गदहा सो गदहा मिलै, खाबै दो दो लात..

अर्थात- जब दो भक्त पुरुष मिलते हैं तो परस्पर उन में प्यार भरी बातें होती है. पर दो गद्हे जब एक जगह मिलते हैं तो वे दोनों एक दूसरे को दुलत्ती मारते हैं.

कुसंगति पर रहीम के अनमोल वचन

जो रहीम उत्तम प्रकृति का करि सकत कुसंग.चंदन विश ब्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग..

अर्थात-अच्छे चरित्र के स्वभाव वालो पर बुरे लोगो के साथ का कोई असर नहीं होता.चंदन के वृक्ष पर साॅप लिपटा रहने से विश का कोई प्रभाव नही होता है.

हिमन नीचन संग बसि लगत कलंक न काहि.दूध कलारी कर गहे मद समुझै सब ताहि .

That is, who does not get stigmatized by living in a mismatch. Even if there is milk in the pitcher of Kalwarin, who sells liquor, people will consider it as wine. A gentleman should stay away from the evil one.