आलोचना पर अनमोल विचार
निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय. बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय. – कबीर दास Criticism Quotes in Hindi-जब[…]
Best Quotes in Hindi
निंदक नियरे राखिए, आंगन कुटी छवाय. बिन पानी, साबुन बिना, निर्मल करे सुभाय. – कबीर दास Criticism Quotes in Hindi-जब[…]
जो कुछ भी दुःख होता है, वह सब तृष्णा के कारण होता है. -सुत्तनिपात विजय-तृष्णा का अन्त पराभाव में होता[…]
गाये सब प्राणियों की माताएं है तथा सब सुख प्रदान करने वाली होती हैं. -वेदव्यास गौ तेजस्वी और अवध्य है,[…]
मनुष्य के चरित्र से ही ज्ञात होता है कि वह किस प्रवृत्ति का है. -वाल्मीकि मनुष्य का चरित्र वह वस्त्र[…]
जो गरजते हैं वे बरसते नहीं. -हिन्दी लोकोक्ति अधजल गगरी छलकत जाय. -हिन्दी लोकोक्ति आगामी कल के विषय में डींग[…]
जब तक गंगा-यमुना में जल है, तब तक तुम्हारा मस्तक अमर रहे. -जायसी चित की सभी कामनाएँ आशीर्वाद में समा[…]
दुष्टों की संगति आरम्भ में रमणीय, टूटने पर विरस तथा समाप्ति पर वैर-भाव से पूर्ण होती है. -अज्ञात दुष्ट की[…]
महात्माओं के प्रति किया गया अत्याचार पूरी तरह अपने ऊपर पड़ता है. -भागवत अत्याचारी के प्रति विद्रोह करना ईश्वर की[…]
बाबूमोशाय , ज़िंदगी और मौत ऊपरवाले के हाथ है.उसे न आप बदल सकते हैं न मैं. -आनंद फिल्म में राजेश[…]
यह स्नेहमयपाश ज्ञान और रूखेपन के बिना नही तोड़ा जा सकता है. -अश्वघोष हर कहीं, हर किसी वस्तु में मन[…]